हरियाणा: मुख्यमंत्री के साथ सरपंच एसोसिएशन की बातचीत बेनतीजा, आज फिर होगी बैठक

हालांकि सरकार की ओर से दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सरपंच एसोसिएशन (Sarpanch Association) के बीच देर रात तक चली करीब 4 घंटे तक बातों में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है। कुछ बिदुओं पर सहमति न बनने पर वार्ता शुक्रवार तक टाल दी है। आज फिर बैठक होगी।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि सरपंचों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ आज बहुत ही सकारात्मक माहौल में वार्ता हुई है। वार्ता दौरान 16 बिदुओं पर चर्चा हुई जिनमें लगभग सभी पर सहमति बन चुकी है।
एक-दो मुद्दों पर अभी सहमति नहीं बनी है। इन पर आज एक बार वार्ता होगी। आज रात सरपंच भी उन मुद्दों पर आपस में चर्चा कर लेंगे, फिर सुबह वार्ता में एक साथ बैठेंगे। उधर, सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि अभी तक कोई खास सहमति नहीं बन पाई है।
शुक्रवार को बातचीत में यदि सरकार उनकी मांगों को मानती है तो ठीक है नहीं तो फिर आगे के आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। सूत्रों की मानें तो सरकार 2,00,000 लाख से बढ़कर 5,00,000 लाख रुपए तक के काम सरपंचों की ओर से करवाने पर राजी हो गई थी लेकिन सरपंच एसोसिएशन 50,00,000 लाख रुपए पर अड़ी हुई थी।
पढ़िए सरपंच एसोसिएशन की 16 मांगे...
1. 73वें संशोधन की 12वीं सूची के 29 अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू किया जाए।
2. ई-टेंडरिंग प्रणाली का विरोध नहीं कर रहे लेकिन इसके लिमिट 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया जाए।
3. ग्राम पंचायतों में कार्यरत सभी विभागों के कर्मचारियों की एसीआर लिखने का अधिकार सरपंच को दिया जाए या वह कर्मचारी सरपंच के अधीन किया जाए।
4. गांव में कराए जाने वाले विकास कार्यों में कमी पाए जाने पर कार्यवाही संबंधित अधिकारी के खिलाफ की जाए ना कि सरपंच के खिलाफ, क्योंकि सरपंच टेक्निकल नहीं होता है।
5. टोल टैक्स सरपंच के लिए माफ होना चाहिए।
6. ग्राम पंचायत की जमीन की रजिस्ट्री का 1% पैसा पंचायत खाते में दिया जाए।
7. ग्राम पंचायतों में घरेलू बिजली के बिलों का 2% पैसा पंचायत खाते में दिया जाए।
8. ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा करवाए जाने वाले सभी कार्यों में गुणवत्ता कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र सरपंच से लेना अनिवार्य किया जाए व सभी कार्यों में सरपंच की भूमिका होनी चाहिए।
9. सरपंचों का वेतन 3 हजार है। इससे बढ़ाकर 30,000 किया जाए और पंचों का वेतन एक हजार रुपए से 5000 किया जाए।
10. राइट-टू-रिकॉल कानून पहले विधायक व सांसदों पर लागू किया जाए उसके बाद स्थानीय निकाय संस्था पर लागू किया जाए।11. पंचायत सचिवालय में कॉमन सर्विस सेंटर में ऑपरेटर अलग से स्थापित किए जाएं ताकि आमजन को सुविधा का लाभ मिल सके।
12. पूर्व सरपंच की पेंशन अब 1000 है उसे बढ़ाया जाए।
13. मनरेगा की पेमेंट 3 महीने के अंदर अंदर होने चाहिए तथा इसको ब्लॉक लेवल पर किया जाए और उसकी दैनिक मजदूरी अब 321 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए की जाए। मनरेगा की ऑनलाइन हाजरी बंद की जाए। क्योंकि बाहर गांव में इंटरनेट काम नहीं कर रहा होता और ऐसे लोग गैर हाजिर हो जाते हैं।
14. आंदोलन के दौरान जो भी केस किए गए हैं वह वापस लिया जाए।
15. गांव के अंदर पंचायत जमीन पर जो नाजायज कब्जा कर रखा है उसको तुरंत प्रभाव से हटाया जाए जिससे पंचायत की आमदन ई-मेल इजाफा हो।
16. पीआरआई की बाकी बकाया राशि पंचायतों में जारी हो।