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Haryana News: हरियाणा में सरपंचो पर लाठीचार्ज, हम सभी अपने-अपने गांव के CM, भाजपा-जजपा नेताओं को घुसने नहीं देंग- बोले सरपंच

 
Sarpanches Said BJP And JJP Leaders Will Not Be Allowed To Enter Villages

Sarpanches Said BJP And JJP Leaders Will Not Be Allowed To Enter Villages: लाठीचार्ज से आहत हरियाणा के सरपंच और पंचायत प्रतिनिधि (Haryana Sarpanch Lathicharge) अब सरकार से दो-दो हाथ करने के मूड में नजर आ रहे हैं। दोबारा से धरने (Haryana Sarpanch Protest) पर बैठने के बाद सरपंचों ने कहा कि वह सभी जनता के चुने प्रतिनिधि हैं। सभी अपने-अपने गांव के सीएम हैं। अपने अधिकारों को लेने से पीछे नहीं हटेंगे। अब बड़ी सरकार (Haryana Govt) का सामना छोटी सरकार से होगा। इसके लिए अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। (Haryana Sarpanch News)

वहीं यह भी कहा कि गांव से लोगों को बुलाने पर विचार किया जा रहा है। यहां धरना लगाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में जरूरी सामान मंगवाया जाएगा। लाठीचार्ज में 100 से ज्यादा सरपंच और पंचायत सदस्य घायल हुए हैं। इस पर सरपंच सूरज, विनोद, भरत सिंह और कई अन्य ने कहा कि जब ये नेता वोट लेने हमारे घर पर आए तो हमने इनका स्वागत फूल और मालाओं के साथ किया था। मेवे खिलाकर अपना प्यार इनके प्रति दिखाया था, मगर आज जब सरपंच सरकार के दरवाजे पर आए तो उनका स्वागत लाठी खिलाकर किया गया है। सरकार के इस रवैये को हम कभी नहीं भूलेंगे। अब भाजपा और जजपा नेताओं को गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा।



नई-नई नेतागीरी, खून से सने कपड़े
खास बात यह है कि तीन महीने पहले ही प्रदेश में पंचायत चुनाव हुए हैं। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर ऐसे प्रतिनिधि हैं जो पहली बार सरपंच या पंचायत सदस्य चुने गए हैं। सभी पर नेतागीरी की नई नई खुमारी चढ़ी है। प्रदर्शन में भी नेतागीरी का असर साफ दिखाई दे रहा था। ज्यादातर प्रदर्शनकारी सफेद कुर्ते-पायजामे पहन कर पहुंचे थे मगर पुलिस की लाठियों से सरपंचों के कुर्तों की सफेदी गायब हो गई। कुछ के खून से सन गए तो कुछ गिरकर कीचड़ से खराब हो गए।



कमेटी करेगी आगामी रणनीति पर फैसला
प्रदर्शन की अध्यक्षता कर रहे सरपंच रणधीर समैण ने कहा कि हम सभी अपने हक की लड़ाई लड़ने यहां आए थे, मगर सरकार का रवैया सही नहीं है। अब इस आंदोलन को आगे किस तरह से चलाया जाएगा, इसका फैसला कमेटी की बैठक में किया जाएगा। फिलहाल हमारा धरना जारी रहेगा।
 

ई-टेंडरिंग के मुद्दे का समाधान वार्ता से ही संभव है। हमने भी कोशिश की, अब सरपंच भी समाधान का प्रयास करें। - दुष्यंत चौटाला, उप मुख्यमंत्री।