Haryana News:पेंशनधारकों से हरियाणा के CM ने की सीधी बात, बोले- कभी सोचा था कि मुख्यमंत्री से ऐसे होगी बातचीत
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुढ़ापा पेंशन वह पहली स्कीम है, जिसे सरकार ने परिवार पहचान पत्र से जोड़ा और यह अत्यंत सफल प्रयोग रहा है।
16,500 बुजुर्गों की बनी नई पेंशन
मुख्यमंत्री ने बताया कि 6 माह के दौरान ऑटोमेटिकली लगभग 16,500 बुजुर्गों की पेंशन बनी है, जिनसे आज यह संवाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लगभग 72 लाख परिवार ही मेरा परिवार हैं, जिनके प्रत्येक सदस्य की चिंता राज्य सरकार कर रही है। सरकार PPP के साथ सभी सरकारी योजनाओं और सेवाओं को जोड़ रही है ताकि पात्र व्यक्ति को घर बैठे ही उनका लाभ मिले और कोई भी अपात्र व्यक्ति लाभ न ले पाएं।
ऑडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बुजुर्गों से सीधा संवाद करते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर।
100 रुपए से पेंशन की हुई शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता की शुरुआत 100 रुपए की राशि से हुई थी और जब वर्ष 2014 में हमने सरकार बनाई, उस समय यह राशि 1 हजार रुपए थी, जिसे हमने 2500 रुपए तक बढ़ाया। अब 2500 रुपए से बढ़कर 1 अप्रैल से 2,750 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी। इसके लिए भी वृद्धजनों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
हर महीने दिए जाते हैं 460 करोड़
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार द्वारा वर्तमान में साढ़े 18 लाख बुजुर्गों को लगभग 460 करोड़ रुपए की राशि प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में वृद्धावस्था पेंशन के लिए आय की पात्रता सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए वार्षिक की है। भविष्य में जो व्यक्ति 60 साल की आयु पूरी कर लेगा तथा पति-पत्नी की आय 3 लाख रुपए वार्षिक से कम होगी, उनकी पेंशन ऑटोमेटिक शुरू हो जाएगी। उनसे केवल पेंशन लेने की सहमति ली जाएगी।
हरियाणा में 2.25 लाख बुजुर्ग
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए प्रहरी योजना भी शुरू करने जा रहे हैं। परिवार पहचान पत्र के डाटा से पता चला है कि प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के सवा दो लाख बुजुर्ग हैं। इनमें से 3600 बुजुर्ग ऐसे हैं, जो अकेले रह रहे हैं। प्रहरी योजना में इन बुजुर्गों की कुशलक्षेम जानने के लिए सरकारी कर्मचारी या वालंटियर्स महीने में एक बार उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने जाएंगे।
समाज सेवा के लिए आगे आए बुजुर्ग
मनोहर लाल ने लाभार्थियों से आह्वान किया कि 60 वर्ष की आयु के बाद वे समाज सेवा के लिए आगे आएं। सरकार ने समर्पण पोर्टल बनाया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति वालंटियर के तौर पर स्वयं को पंजीकरण करवा सकता है। वसुधैव कुटुम्बकम हमारी संस्कृति है, इसलिए सभी को समाज की चिंता भी करनी चाहिए।
चिरायु योजना का दायरा बढ़ाया
चिरायु योजना से अब 29 लाख से अधिक परिवार कवर हो रहे हैं। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में 3 लाख रुपए वार्षिक आय वाले परिवारों को भी 1500 रुपए के अंशदान के साथ 5 लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि पीपीपी डाटा के अनुरूप राज्य सरकार ने विभिन्न आयु वर्ग की जिम्मेवारी अलग-अलग विभागों को सौंपी है।