Movie prime

हरियाणा: करनाल के तहसीलदार का गनमेन और उसका साथी गिरफ्तार, कोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर ली थी ठूंस

 
करनाल 10 मार्च 2023- करनाल जिले में पुलिस ने दो ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है जिन्होंने कोर्ट में सरकारी नौकरी दिलाने के बहाने लोगों के साथ धोखाधड़ी करने की कई वारदातों को अंजाम दिया था। आज पुलिस ने दोनों आरोपियों विजेंद्र लाडो बगड़ी जुंडला गेट व सचिन प्रीतमपुरा करनाल को गिरफ्तार किया है। 

आरोपियों ने पूछताछ में किया ये खुलासा 

आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि बिजेंद्र उर्फ सोनू जिला करनाल में बतौर होमगार्ड की नौकरी करता है और आरोपी पहले करनाल के तहसीलदार के पास गनमैन की नौकरी करता था।

उसी समय उसने अफसर के साथ रहने का फायदा उठाकर लोगों को बहला-फुसलाकर नौकरी लगवाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करनी शुरू कर दी थी। आरोपी अफसर के पास अपने काम से आने वाले लोगों को नौकरी लगवाने का ऑफर देता था और उनके साथ लाखों रुपए में डील करता था। अफसर के साथ गनमैन होने के कारण सामने वाला व्यक्ति आरोपी पर जल्दी ही विश्वास कर बैठते थे।  

वहीं इस काम में आरोपी सोनू का दूसरा साथी सचिन भी साथ देता था। आरोपी सचिन गूगल से फर्जी जॉइनिंग लेटर तैयार करके आरोपी को देता था और आरोपी उस फर्जी जॉइनिंग लेटर को आगे लोगों को दे देता था। 

आरोपी सचिन के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त फोन बरामद कर लिया गया है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने इस वारदात के अलावा भी अन्य दो लोगों के साथ नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी की है। जोकि अन्य दोनों व्यक्ति भी शिकायतकर्ता रोहित टांक के ही रिश्तेदार है।


नौकरी लगवाने के लिए एडवांस में दिए थे 2 लाख 

थाना प्रभारी कमलदीप राणा ने कहा 6 फरवरी 2023 को शिकायतकर्ता रोहित टांक गांव छपरा जागीर ने शिकायत दी थी। जिसमें उसने बताया था कि जुलाई 2022 में उसकी सोनू नाम के व्यक्ति से जान पहचान हुई, जोकि करनाल में पुलिस विभाग में काम कर रहा था।

उसके बाद से ही सोनू उससे कहने लगा कि वह नौकरी लगवाने का काम करता है और उसको भी नौकरी लगवा देगा। इसके बाद उसने नौकरी लगने के लिए आरोपी सोनू को दो लाख रुपए एडवांस दे दिए, जिसके बाद आरोपी ने शिकायतकर्ता को करनाल कोर्ट में नौकरी का एक जॉइनिंग लेटर दे दिया। जब वह व्यक्ति जॉइनिंग लेटर लेकर नौकरी ज्वाइन करने गया तो वहां जाने पर उसने पाया कि उसे एक फर्जी जॉइनिंग लेटर दिया गया है। इसके बाद जब शिकायतकर्ता ने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी ने उसे पैसे देने से मना कर दिया।