हरियाणा: इन्फ्लूएंजा वायरस बना खतरा, वायरल की चपेट में आए मरीजों को ठीक होने में लग रहा काफी समय

हरियाणा न्यूज़: कोविड महामारी के बीच इस बार इन्फ्लूएंजा एच थ्री एन टू वायरस का खतरा बना हुआ है। हालांकि यह कामन फ्लू की तरह है, लेकिन इस बार यह अधिक लंबे समय असर कर रहा है। इसके लक्षण भी सामान्य वायरल जैसे हैं। जिसमें बुखार, खांसी, जुकाम, सिरदर्द, गले में खराश के लक्षण रहते हैं। मौसम में बदलाव के समय यह वायरस चपेट में लेता है। अस्पताल की ओपीडी में भी अधिकतर वायरल के मरीज आ रहे हैं।
राहत की बात यह है कि जिले से एक सैंपल इन्फ्लूएंजा वायरस का भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।मौसम में बदलाव के साथ ही अक्सर वायरल की चपेट में लोग आते हैं। इन दिनों अस्पतालों में भी वायरल के ही मरीज पहुंचते हैं।
इस बार भी ऐसा ही हो रहा है, लेकिन वायरल लंबे समय तक ठीक नहीं हो रहा है। यदि किसी को खांसी है तो उसे ठीक होने में 15 से 20 दिन लग रहे हैं। इसी तरह से यदि जुकाम हुआ है तो वह भी दो सप्ताह तक ठीक नहीं हो रहा है। चिकित्सकों की मानें तो कोविड की वजह से लोगों की इम्यूनिटी पर असर पड़ा है। जिस वजह से यह वायरस लंबे समय तक असर कर रहा है।
बुजुर्गों को अधिक खतरा
कोविड की तरह ही वायरल बुर्जर्गों व बीमार लोगों को अधिक चपेट में ले रहा है। जो लोग बीमार हैं। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। वह जल्दी वायरल की चपेट में आते हैं। यदि वह खांसी व बुखार की चपेट में आते हैं तो ठीक होने में अधिक समय लग रहा है। सिविल अस्पताल की ओपीडी की बात करें तो यहां पर रोजाना 25 से 30 मरीज वायरल के आ रहे हैं। अधिकतर में खांसी, जुकाम व गले में खराश रहती हैं।
बनाया गया है अलग से फ्लू कार्नर
कोविड के बाद से सिविल अस्पताल के ट्रामा सेंटर में अलग से फ्लू कार्नर बनाया गया है। जहां पर कोविड के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों की जांच की जाती है। उनकी सैंपलिंग कराई जाती है। इन्फ्लूएंजा वायरस में भी कोविड की तरह के ही लक्षण हैं। ऐसे में चिकित्सक उनकी भी जांच कराते हैं।
जिला निगरानी अधिकारी डा. वागीश गुटैन ने बताया कि खुद वह वायरल की चपेट में आए हैं। खांसी ठीक होने में काफी समय लगा है। यह वायरल है। यदि किसी में इन्फ्लूएंजा के लक्षण दिखते हैं तो उसका सैंपल कराया जाता है। एक सैंपल भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। यहां से सैंपल अंबाला या पंचकूला लैब में भेजे जाते हैं।