रेलवे स्टेशनों पर दिव्यागों को फ्री में मिलेगी ये सहायता, हाई कोर्ट ने दिए आदेश

नई दिल्ली :- दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या और इसके महत्व को देखते हुए, भारतीय संसद ने दिल्ली उच्च न्यायालय अधिनियम 1966 के माध्यम से भारतीय उच्च न्यायालय का गठन किया था. वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने हमेशा नागरिक की सुविधाओं और उनके हित हेतु कोई न कोई निर्देश दिए है. अब दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्टेशनों पर दिव्यांगों के बुरे हालात को देखते हुए रेलवे को एक निर्देश दिया है. High Court ने रेलवे को ये निर्देश कल यानी 16 सितंबर को दिया है.
High Court ने दिए रेलवे को Instructions
High Court ने रेलवे को निर्देश देते हुए कहा है किस्टेशनों पर दिव्यांगों के हालात बुरे है, इसमें सुधार हेतु उन्हें व्हीलचेयर जल्द से जल्द मुहैया करवाया जाना चाहिए. साथ ही मुख्य न्यायाधीश पीठ ने कहा है, "प्रतिवादी यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा कि विकलांग व्यक्तियों को मुफ्त मानव सहायता और दिव्यांगों को व्हीलचेयर प्रदान कराई जाए".
पहले भी दिए थे विकलंगों की सेवा हेतु निर्देश
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने विकलांगों के लिए पहले मुफ्त सहायता प्रदान करने का आदेश दिया था. परंतु अब इस संबंध में अधिकारियों से नई स्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है. दरअसल, हाई कोर्ट ने पहले मुफ्त सहायता प्रदान करने का आदेश साल 2017 में घटित एक घटना के बाद दिया था.
जुलाई 2017 में घटित घटना
High Court ने 2017 में स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया था. 2017 में अदालत ने एक रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था, जिसमें एक दृष्टिबाधित व्यक्ति अपनी एम.फिल प्रवेश परीक्षा में केवल इसलिए शामिल नहीं हो सका, क्योंकि वह अंदर से बंद होने के कारण आरक्षित डिब्बे में नहीं चढ़ सका. दरहसल, जुलाई 2017 में उच्च न्यायालय ने एक रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया था. जिसमें गोरखधाम एक्सप्रेस में विकलांगों के लिए आरक्षित विशेष डिब्बे का दरवाजा बंद कर दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति एम. फिल की परीक्षा देने से चूक गया था.