स्पेशल पुलिस के रूप में हुई थी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की शुरुआत, जानें इसकी शक्तियां और कार्य

CBI: केंद्रीय जांच ब्यूरो (c यह हत्या,घोटाला,भ्रष्टाचार बड़े-बड़े केस पुलिस से सॉल्व नहीं होते तो उनको आगे सीबीआई को ट्रांस्फर किया जाता है. जिसके बाद सीबीआई की मदद से मामले को सुलझाया जाता है. सीबीआई सबसे महत्वपूर्ण जांच एजेंसी है जो सबसे महत्वपूर्ण मामले जैसे भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराधों, हत्या, आतंकवाद जैसे मामलों की जांच करता है. इसका हेड ऑफिस नई दिल्ली में स्थित है.
CBI का इतिहास
-इस खुफिया एजेंसी की स्थापना साल 1941 स्पेशल पुलिस के रूप में हुई थी. साल 1963 में इसका नाम बदलकर Central Bureau of investigation रखा गया था.
-साल 1987 में इसको दो भागों में बांटा गया पहला एंटी करप्शन डिवीजन (Anti Corruption division) और दूसरा स्पेशल क्राईम डिविज (Special Crime Division) है.
-सीबीआई के पहले निदेशक डीपी कोहली रहे हैं.
CBI के डिवीजन बोर्ड
-आर्थिक अपराध विभाग (Economin Crime Department)
-विशेष अपराध विभाग (Special Crime Department)
-भ्रष्टाचार विरोधी विभाग (Anti Corruption Department)
CBI के काम
-सीबीआई साइबप क्राईम के साथ आर्थिक मामलों को भी सुलझती है.
-सीबीआई बलात्कार, अपहरण, सामूहिक हत्या, जबरन वसूली जैसे मामलों की चार्ज शीट तैयार करती है और जांच पड़ताल करती है.
-सीबीआई जांच-पड़ताल में मेन एजेंसी के तौर पर काम करती है.
-राष्ट्रीय या अंतराष्ट्रीय अपराध को भी सीबीआई ही देखती है.
CBI अधिकारियों का सिलेक्शन
एक IPS अधिकारी को सीबीआई का प्रमुख बनाया जाता है. जिसकी पोस्ट पुलिस कमिश्नर या डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के बराबर होती है.
सीबीआई अधिकारी के सेलेक्शन के लिए एक समिति नियुक्त की जाती है.
इस समिति में प्रधानमंत्री , मुख्य न्यायाधीश और विपक्षी राजनितिक दल के नेता शामिल होते हैं.
सीबीआई के निर्देशक की कार्यकाल दो साल का होता है, लेकिन इसे बढ़ाया जा सकता है