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Haryana Electricity : हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी, लगेगा ये स्पेशल जन मेला, तुरंत होगी सुनवाई, जानिये पूरी योजना

 
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Haryana Electricity Bills Issues : उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम उपभोक्ताओं को अच्छी वोल्टेज और निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है। ‘पूर्ण उपभोक्ता संतुष्टि’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बिजली निगम द्वारा अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रारंभ किये गए हैं ताकि उपभोक्ताओं की समस्याओं को त्वरित रूप में सुलझाया जा सके। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए निगम ने पंचकूला जोन की स्थापना की है।

पंचकूला जोन के तहत आने वाले जिला कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, कैथल और यमुनानगर के बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई 25 नवंबर,2022 को प्रात: 11 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के मुख्यालय, विद्युत सदन, इंडस्ट्रियल प्लाट -3 और 4, सेक्टर-14, पंचकूला के कार्यालय में की जाएगी।

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कि बताया जोनल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच रेगुलेशन 2.8.2 के अनुसार प्रत्येक मामले में एक लाख से तीन लाख तक की राशि के मामलों की सुनवाई पंचकूला जोन स्तर पर क्षेत्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम में करेंगे। 

इस दौरान कमेटी द्वारा बिजली अधिनियम की धारा 126,127 तथा धारा 135 से 140,142,143,146,152 के अन्तर्गत बिजली चोरी और बिजली के अनाधिकृत उपयोग के मामलों में दंड तथा जुर्माना और धारा 161 के अन्तर्गत जांच एवं दुर्घटनाओं से सम्बन्धित मामलों की सुनवाई नहीं की जाएगी।


उन्होंने बताया कि पंचकूला जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों के उपभोक्ताओं के गलत बिलों, बिजली की दरों से सम्बंधित मामलों, मीटर सिक्योरिटी से जुड़े मामलों, खराब हुए मीटरों से सम्बंधित मामलों, वोल्टेज से जुड़े हुए मामलों का निपटान किया जाएगा। इस दौरान बिजली चोरी, बिजली के दुरूप्योग और घातक गैर-घातक दुर्घटना आदि मामलों पर विचार नहीं किया जाएगा।


उपभोक्ता और निगम के बीच किसी भी विवाद के निपटान के लिए फोरम में वित्तीय विवादों से संबंधित शिकायत प्रस्तुत करने से पहले पिछले छ: महीनों के दौरान उपभोक्ता द्वारा भुगतान किए गए बिजली के औसत शुल्क के आधार पर गणना की गई प्रत्येक माह के लिए दावा की गई राशि या उसके द्वारा देय बिजली शुल्क के बराबर राशि, जो कम है, उपभोक्ता को जमा करवानी होगी। इस दौरान उपभोक्ता को प्रमाणित करना होगा कि यह मामला अदालत, प्राधिकरण या फोरम के समक्ष लंबित नहीं है क्योंकि इस न्यायालय या फोरम में विचाराधीन मामलों पर बैठक के दौरान विचार नहीं किया जाएगा।