Ayushman Golden Card: रजिस्ट्रेशन के महज 24 घंटे बाद बनकर आएगा आयुष्मान गोल्डन कार्ड

स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाने के लिए 15 दिवसीय अभियान बुधवार से शुरू किया। आयुष्मान गोल्डन कार्ड के लिए अस्पताल और कॉमन सर्विस सेंटर में सुविधा रहेगी, जिसके रजिस्ट्रेशन के महज 24 घंटे बाद ही अप्रुव्ड होने के बाद कार्ड बनकर आ जाएगा। किसी भी नागरिक की वार्षिक आय पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) में एक लाख 80 हजार रुपये से कम है तो वह अपना आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाकर प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का उपचार करवा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने जिले में एक दिन में 1000 नागरिकों के कार्ड बनाने का लक्ष्य लिया है, जब कुल लक्ष्य दो लाख 92 हजार बनाने का है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिलेभर के पात्र लाभार्थियों की सूची नगर पार्षद, सरपंच और आशा वर्कर को साझी की हुई है। इन सूची में स्थान पाने वाले लाभार्थी नजदीक कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर अपना कार्ड बनवा सकते हैं। कार्ड बनवाने के लिए पीपीपी साथ लेकर जानी अनिवार्य है, जिसमें परिवार के प्रत्येक सदस्य की बायोमेट्रिक पर अंगूठे दर्ज हो रहे हैं। जिले में लगभग 1200 सीएससी सेंटर हैं, जहां पर जाकर नियम व शर्तों अनुसार लाभार्थी अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकता है।
अब तक सिर्फ उन्हीं लोगों के आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए जाए रहे थे, जो वर्ष 2011 की जनगणना के समय बीपीएल श्रेणी में आते थे। अब इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलेगा।
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जिन लोगों की पीपीपी में वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है, अब वे गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। इस योजना के लिए जो सरकार द्वारा लाभपात्रों की सूची भेजी है, उस सूची का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। भेजी गई सूची के हिसाब से गोल्डन कार्ड बन रहे हैं। दिनभर वेबसाइट काफी अच्छी स्पीड से चली, जिसके माध्यम से कई लाभार्थियों के कार्ड बनाएं।
- सुनील रंगा, संचालक, कॉमन सर्विस सेंटर।
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आयुष्मान गोल्डन कार्ड के लाभार्थियों की सूची पार्षद, सरपंच और आशा कार्यकर्ताओं को भेजी गई है। लाभार्थी नजदीक सीएससी में जानकर अपने कार्ड बनवा सकते हैं। नागरिक अस्पताल भिवानी, तोशाम और लोहारू में भी कार्ड बनवाने की सुविधा है। ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा सके इसके लिए शीघ्र ही अन्य स्थानों पर शिविर आयोजित कर गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे।
- डॉ. रघुबीर शांडिल्य, सिविल सर्जन।