हरियाणा सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। 1 दिसंबर 2024 से राज्य में संपत्ति पंजीकरण के लिए नई कलेक्टर दरें लागू होंगी, जिससे रजिस्ट्रेशन पर खर्च बढ़ जाएगा। यह आदेश मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में राजस्व विभाग द्वारा जारी किए गए हैं। इन नई दरों के तहत गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत और अन्य जिलों में कलेक्टर रेट में 20% तक की बढ़ोतरी होगी।
कलेक्टर रेट में कितनी बढ़ोतरी होगी?
नई दरों का सीधा असर संपत्ति की कीमत और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर पड़ेगा।
जिला | बढ़ोतरी प्रतिशत (%) |
---|---|
गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत | 20% |
पंचकूला | 15% |
अन्य जिले | 5% से 10% |
यह वृद्धि 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी। एनसीआर क्षेत्र के जिलों में यह बढ़ोतरी सबसे ज्यादा महसूस की जाएगी, जबकि अन्य जिलों में मामूली बदलाव होंगे।
राजस्व में होगा इजाफा, लेकिन बढ़ेगा बोझ
राज्य सरकार का मानना है कि इन नई दरों से हरियाणा के राजकोष को बड़ा लाभ मिलेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई कलेक्टर दरों के कारण संपत्ति पंजीकरण से सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा, जिसे राज्य में विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
हालांकि, आम जनता को इस फैसले से झटका लगेगा, क्योंकि प्रॉपर्टी खरीदने पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। यह कदम विशेष रूप से उन लोगों को प्रभावित करेगा जो अभी घर या जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं।
मार्केट वैल्यू के अनुसार तय हुईं दरें
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल के दौरान कलेक्टर रेट बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। उन्होंने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया था कि संपत्ति की वास्तविक बाजार दर का पता लगाकर नई दरें तय की जाएं। इसके बाद जिला उपायुक्तों ने सर्वे करके रिपोर्ट तैयार की और नई दरें निर्धारित की गईं।
फैसला क्यों हुआ स्थगित?
पहले यह दरें 1 अप्रैल 2024 से लागू होनी थीं, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण इसे टाल दिया गया था। चुनावों के मद्देनजर सरकार ने आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले इसे अमल में नहीं लाने का फैसला किया था। अब मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस पर मंजूरी दे दी है।
आम जनता पर प्रभाव
इस फैसले से जहां सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा, वहीं खरीदारों को प्रॉपर्टी खरीदने में अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा। नई दरें लागू होने के बाद, प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोगों को सावधानीपूर्वक योजना बनानी होगी।
उदाहरण: यदि गुरुग्राम में एक संपत्ति की मौजूदा कलेक्टर दर ₹50 लाख है, तो नई दरों के बाद यह ₹60 लाख हो जाएगी। इसके चलते रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी में भी बढ़ोतरी होगी।
हरियाणा के किन जिलों पर पड़ेगा ज्यादा असर?
नई दरों का सबसे ज्यादा असर एनसीआर क्षेत्र के जिलों पर होगा:
- गुरुग्राम
- फरीदाबाद
- सोनीपत
- पानीपत
- रोहतक
अन्य जिलों जैसे भिवानी, जींद और कैथल में मामूली बढ़ोतरी होगी।
क्या कहती है जनता?
इस फैसले को लेकर आम जनता और रियल एस्टेट एजेंटों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। जहां कुछ लोग इसे सरकारी खजाने के लिए फायदेमंद मानते हैं, वहीं कुछ इसे घर खरीदने की दिशा में बड़ी बाधा मानते हैं।
हरियाणा में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए नई दरें लागू होने से राज्य सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा, लेकिन यह आम जनता की जेब पर भारी पड़ सकता है। यदि आप प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो बेहतर होगा कि 1 दिसंबर से पहले ही संपत्ति का पंजीकरण करा लें।