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मोक्ष द‍िलाने को योगी सरकार की बड़ी योजना, जानें पूरा प्लान

 
Asthi Bank Manikarnika Ghat Varanasi
Asthi Bank Manikarnika Ghat Varanasi उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ने (Yogi Government) वाराणसी (Varanasi) के मण‍िकर्ण‍िका घाट पर ‘अस्थि बैंक’ (Asthi Bank) बनाने की योजना तैयार की है. वाराणसी के मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) भारत का सबसे बड़ा ओर पव‍ित्र श्‍मशान घाट माना जाता है. इस घाट पर बनाए जाने वाले ‘अस्थि बैंक’ में अस्‍थ‍ि व‍िसर्जन से पहले राख को संरक्ष‍ित करने की सुव‍िधा भी म‍िल सकेगी. लोगों को अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने की सुव‍िधा भी इस बैंक के माध्‍यम से दी जा सकेगी.

नगर निगम वाराणसी के नगर स्वास्थ्य अधिकारी एमपी सिंह का कहना है क‍ि ‘अस्थि बैंक’ समय की जरूरत है. हम मणिकर्णिका घाट पर एक भव्य अस्थि बैंक का निर्माण करने जा रहे हैं, जहां अस्थि विसर्जन से पहले राख को संरक्षित किया जा सकता है. न‍िकाय (Nagar Nigam Varanasi) ने मणिकर्णिका घाट पर ‘अस्थि बैंक’ के निर्माण का प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव को योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है. सरकार की ओर से इस पूरे प्रोजेक्‍ट को हरी झंडी दे दी है जिससे अगले वित्तीय वर्ष (Financial Year) तक इसके चालू होने की प्रबल संभावना है.

मणिकर्णिका घाट पर शव जलाने वाले विकास गुप्ता का कहना है क‍ि जैसा कि नाम से पता चलता है क‍ि अस्थि बैंक, एक ऐसा बैंक होगा जहां राख और चिता के अवशेषों को संरक्षित किया जाएगा. मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) पर हर रोज औसतन 90 से 120 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. यहां पर बड़ी संख्या में शवों का निपटान क‍िया जाता है. अक्सर पीड़ित परिवार के सदस्यों के लिए, खासकर उन सभी को जो अन्य जिलों से आते हैं. उनके ल‍िए अस्थियों को इकट्ठा करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना मुश्किल हो जाता है.

ऐसे में कई बार परिजन अस्थियां एकत्रित किए बिना ही निकल जाते हैं. हालांक‍ि, बैंक स्थापित होने के बाद, बची हुई राख को संरक्षित किया जा सकता है और विसर्जन के लिए परिवार के सदस्यों को सौंपा जा सकता है.