बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य सरकार ने इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य (MSP) 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2425 रुपये कर दिया है। इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा जो रबी मौसम में गेहूं की बुवाई कर रहे हैं। किसानों को उनकी उपज सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचना होगा, और उन्हें 48 घंटे के भीतर अपने बैंक खाते में पैसे मिल जाएंगे। यह कदम किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
किसानों के लिए बड़ी राहत: गेहूं का समर्थन मूल्य 2425 रुपये
इस बार गेहूं के समर्थन मूल्य में हुई बढ़ोतरी से बिहार के किसानों को राहत मिलेगी। पिछले साल 2275 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले, अब किसानों को 2425 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे। इस बढ़ोतरी से उम्मीद जताई जा रही है कि किसान अपनी उपज को बेहतर मूल्य पर बेच सकेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक गेहूं की बुवाई करें ताकि वे इसका अधिकतम लाभ उठा सकें। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी कहा कि किसानों को अपनी गेहूं की उपज बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को करना होगा ऑनलाइन आवेदन
बिहार में रबी फसल के तहत गेहूं की बुवाई का कुल रकबा लगभग 40 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 26 लाख हेक्टेयर पर गेहूं की बुवाई होती है। किसानों को अपनी उपज सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचने के लिए डीबीटी पोर्टल (DBT Portal) पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:
- सबसे पहले, किसानों को डीबीटी पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- इस प्रक्रिया के तहत, किसानों को आधार नंबर, मोबाइल नंबर और जमीन का विवरण देना होगा।
- रजिस्ट्रेशन के बाद, किसानों को एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा। इसके बाद, उन्हें सहकारिता विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
- यदि किसी किसान ने पहले से रजिस्ट्रेशन कराया है, तो उन्हें दोबारा रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता नहीं है। वे सीधे सहकारिता विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
48 घंटे में मिलेगा पेमेंट
यह एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि अब गेहूं बेचने वाले किसानों को 48 घंटे के अंदर उनके बैंक खाते में पेमेंट मिल जाएगा। इसके लिए उन्हें सरकारी खरीद केंद्रों पर अपनी उपज बेचनी होगी। बिहार सरकार ने एफसीआई (Food Corporation of India) को सभी राजस्व जिलों में पर्याप्त गेहूं खरीद केंद्र बनाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और व्यापार मंडल भी हर पंचायत और ब्लॉक स्तर पर गेहूं खरीद केंद्र बनाएंगे।
खरीद प्रक्रिया का ऑनलाइन होना:
बिहार सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि गेहूं की खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इस कदम से न सिर्फ किसानों को बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी। किसान अपनी उपज बेचने के लिए कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे और उन्हें हर चरण की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त होगी।
सहयोग और सूचना:
किसानों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन भी उपलब्ध होगी। इसके साथ ही, किसान कृषि विभाग और सहकारिता विभाग के माध्यम से किसी भी जानकारी का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, बटाईदार किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते वे अपने खेत के मालिक से सहमति प्राप्त कर लें।
टेबल – गेहूं का समर्थन मूल्य (MSP) 2023-2024
वर्ष | समर्थन मूल्य (रुपये/क्विंटल) | बढ़ोतरी (रुपये/क्विंटल) |
---|---|---|
2022-23 | 2275 | – |
2023-24 | 2425 | 150 |
खरीद केंद्रों का विस्तार:
बिहार सरकार ने कहा है कि एफसीआई के द्वारा सभी जिलों में गेहूं खरीद केंद्र बनाए जाएंगे। इसके अलावा, सहकारिता विभाग और व्यापार मंडल भी पंचायत और ब्लॉक स्तर पर खरीद केंद्रों का संचालन करेंगे। इससे किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी होगी और वे अपने नजदीकी केंद्र पर जाकर गेहूं बेच सकेंगे।
समय पर रजिस्ट्रेशन का महत्व:
किसानों को अपनी उपज को सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचने के लिए समय पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है। इस प्रक्रिया से वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ उठा सकेंगे। रजिस्ट्रेशन न कराने पर किसान अपनी उपज नहीं बेच पाएंगे और इस तरह वे समर्थन मूल्य से वंचित हो सकते हैं।
बिहार सरकार का यह कदम किसानों को एक बड़ी राहत देने वाला साबित हो सकता है। समर्थन मूल्य में हुई बढ़ोतरी से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सकेगा और 48 घंटे में पेमेंट मिलने से उनकी वित्तीय स्थिति भी मजबूत होगी। किसान भाइयों से अनुरोध है कि वे समय रहते रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें और अपनी उपज का अधिकतम लाभ उठाएं।